
प्रेम का प्रकार
जीवन मे हर किसी को प्रेम हो सकता है परन्तु उस प्रेम का रूप क्या होगा ये जानने की विषय है ।जब इंसान को इनमे से किसी से भी सच्चा प्रेम होता है तो उसके दिल का हाल न तो किसी को बताने लायक रहता है और न ही किसी से छुपाने लायक रहता है क्योकि इंसान के अन्दर छुपे वह प्रेम भाव उस इंसान के हरकतो के माध्यम से स्वत: सब कुछ बोल देती है ।



प्रेम का प्रकार:
प्रेम या प्यार एक ऐसा शब्द है जिसके सुनने से ही दिल मे प्यार या प्रेम जाग उठता है । मेरे प्रियजनो आज मै इसी संबंध मे बात करने वाला हूं और प्रेम या प्यार के अलग अलग तरीको के बारे मे बताने वाला हूं । इस आर्टिकल को पढने वाले लोगो मे से कितनो लोग होंगे जो प्रेम या प्यार के बारे मे जानते होंगे परन्तु कई ऐसे लोग भी होंगे जिसको प्रेम के बारे ज्यादा कुछ पता नही होगा । तो हम इसी के संबंध मे चर्चा करेंगे ।
जब किसी इंसान को किसी से प्रेम या प्यार हो जाता है तो वह उसके बारे मे हर हमेशा सोचते रहता है चाहे वह प्रेम अपने माता पिता के लिये हो ,भाई बहन के लिये हो,पति पत्नि के लिये हो या फिर इन सबसे हट के किसी देव के लिये हो ,किसी जानवर के लिये हो ,पशु पक्षी के लिये हो या फिर किसी मशीन के लिये हो । इंसान ऊपर बताये गये किसी भी प्रकार के इंसान ,जानवर ,पशु पक्षी ,देव,या फिर मशीन से प्रेम करता है तो वह इंसान हर समय उसी के बारे मे सोचता ही रहेगा उसका दिल उसके पास जाने या उसे बेहतर करने के लिये मचलता रहेगा । जब इंसान को इनमे से किसी से भी सच्चा प्रेम होता है तो उसके दिल का हाल न तो किसी को बताने लायक रहता है और न ही किसी से छुपाने लायक रहता है क्योकि इंसान के अन्दर छुपे वह प्रेम भाव उस इंसान के हरकतो के माध्यम से स्वत: सब कुछ बोल देती है ।
प्रेम एक गहरी भावना है जो व्यक्ति किसी दूसरे के प्रति महसूस करता है। यह एक अद्वितीय और आन्तरिक अनुभव है जो मानव जीवन में बहुत सारी रूपों में प्रकट हो सकता है।
1. पारिवारिक प्रेम: प्रारंभ में ही, एक व्यक्ति माता-पिता, भाई-बहन, और अन्य परिवार के सदस्यों के प्रति प्रेम महसूस कर सकता है। यह एक सुरक्षित और स्थायी रिश्ता होता है जो व्यक्ति को आत्मविश्वास और समर्थन का अहसास कराता है।
2. मित्र प्रेम: दोस्ती भी प्रेम का एक रूप है जो व्यक्ति को दोस्तों के साथ आत्मिक जुड़ाव महसूस कराता है। यह एक खुले और साझेदारी भरा रिश्ता हो सकता है जो मुसीबतों और सुख-दुखों को साझा करता है।
3. रोमैंटिक प्रेम: इसे आमतौर पर एक जीवनसंगी या साथी के प्रति आत्मिक और रोमैंटिक भावना के रूप में देखा जाता है। यह एक अद्वितीय और गहरा रिश्ता होता है जो साझेदारी, समर्थन, और समर्पण पर आधारित होता है।
4 भक्ति प्रेम :-हर इंसान के मन मे अपने अपने देवी देवताओ के प्रति असीम आस्था होता है और यही आस्था भक्ती प्रेम का रूप ले लेती है जिससे इंसान अपने देवी देवताओ की भक्ति करता है जिस प्रेम का रूप भक्ति होता है और इसी भक्ती प्रेम के चलते इंसान अपने हर दुख सुख को अपने देवो से साझा करता है ।
प्रेम का अहसास व्यक्ति के मानवीय संबंधों, सहयोग, समर्थन, और समर्पण के माध्यम से होता है। यह एक आत्मिक और शारीरिक मेल-जोल का अहसास है जो जीवन को सार्थक और सुखद बना सकता है।